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श्रद्धा सुमन

श्री हीरानंद खट्टर
6 नवंबर को श्री हीरानंद खट्टर का देहांत हुआ। ।प्प्डै के द्वारा कैडेवर लैब ;ब्ज्त्थ्द्ध शुरू करने के लिए शव भेजने का निवेदन हुआ था। इसलिए समिति ने हीरानंद जी का शरीर लैब में भेजने का निर्णय लिया। अभी हाल ही में स्थापित इस लैब में डॉक्टर्स रिसर्च के लिए काम करेंगे। 96 वर्ष के श्री खट्टर का जीवन एक कर्मठ योगी व सामजिक कार्यकर्ता का रहा। इनके चारों बच्चे खुशहाल व संस्कारी जीवन जी रहे हैं। 1919 से 1925 तक ये आर्मी में थे। पाकिस्तान से विस्थापित होकर भारत में आये। आर्य समाजए गुरुकुल गौतम नगरए वैदिक अनुसन्धान समिति . मेरठए लाजपत भवन.दिल्लीए चैरिटेबल हॉस्पिटल इन सभी स्थानों पर इनका सक्रिय व प्रभावशाली योगदान रहा। आर्य समाज में लगे कैंप में स्वतः प्रेरणा से देहदान का संकल्प लिया जिसे उनके बच्चों ने सहर्ष क्रियान्वित किया। समाजोपयोगी जीवन जीने वाले एक व्यक्तित्व ने मरने के बाद भी अपना शरीर चिकित्सा शास्त्र की सेवा में अर्पण किया। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार की ओर से शत.शत नमन।

श्री राम जी दास शर्मा
7 नवंबर 2015 कोए राण् स्वण् संघ के वरिष्ठ प्रचारक श्री राम जी दास शर्मा ने 85 वर्ष की आयु में अपनी नश्वर काया छोड़ दी। उनकी अंतिम इच्छा के अनुसारए उनकी देह मौलाना आज़ाद मेडिकल कॉलेज को दान में दी गई। रामजीदास जी ने देश विभाजन के दिनों में हिन्दुओं की रक्षा के लिए पूरा समय लगाया। पहले उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद में काम किया। फिर 10 वर्ष से अधिक बंगाल में रह कर भारतीय मजदूर संघ के काम के लिए मजबूत नींव तैयार की। वहां पर वामपंथियों के प्रभुत्व के समक्ष काम करना एक बड़ा चुनौतीपूर्ण कार्य था। बाद मैं उन्हें भारतीय मजदूर संघ के केंद्रीय कार्यालय दिल्ली का प्रभारी बनाया गया। इस जिम्मेदारी को पूरी उत्कृष्टता के साथ उन्होंने मृत्यु पर्यन्त निभाया। मनसा वाचा कर्मणा मातृभूमि को समर्पित व्यक्तिव को हमारी विनम्र श्रद्धांजलि।

श्री मोहित अग्रवाल
26 नवंबर को 36 वर्षीय मोहित अग्रवाल के परिवार जनों की सदिच्छा सेए उनका शरीर गुरु तेग बहादुर मेडिकल कॉलेज (UCMS) में दिया गया। इनकी आँखे गुरु नानक आई केंद्र की टीम द्वारा ली गयी। देहदान व नेत्रदान के साहसपूर्ण निर्णय के लिए इनके माता.पिता को दधीचि परिवार का साधुवाद।


श्री राजेंद्र कुमार वर्मा
गाज़ियाबाद निवासी श्री राजेंद्र कुमार वर्मा का 26 दिसंबर को देहांत हुआ। इनकी आँखे राजेंद्र प्रसाद आई इंस्टिट्यूट एम्स में दान दी गयी। श्री वर्मा बीण्एसण्इण्एसण् से रिटायर हुए थे। वे राण् स्वयण् संघए रोहिल्ला कोआपरेटिव सोसाइटी व अन्य कई सामाजिक संगठनो में सक्रिय रहे।

श्री कन्हैया लाल जी
गांधी नगरए दिल्ली के निवासी श्री कन्हैया लाल जी का देहांत 6 दिसंबर को अपने निवास पर हुआ। वे 67 वर्ष के थे। सीधा सादा गृहस्थी का जीवन जीने वाले इस मानुष ने स्वतः देहदान का संकल्प लिया। इनके बेटे श्री मुकेश कुमार से बात करने पर पता चला कि उनके दोनों बेटे उनकी इस इच्छा से सहमत नही थे। पिता ने अपने पुत्रों को प्रयत्न पूर्वक इस कार्य के लिए मनसा तैयार किया। इनकी देह ईण्एसण्आईण् मेडिकल कॉलेज को दान में दी गयी। अपने पिता की इच्छा को पूर्ण करने के लिए हमारा धन्यवाद। मृतक की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना।

श्री अशोक कथूरिया
अपने भाई के देहदान के संकल्प से प्रेरित होकर श्री अशोक कथूरिया जीवन काल में स्वयं भी देहदान करने की इच्छा प्रकट करते रहते थे। 59 वर्ष की आयु में 16 दिसंबर को इनकी देह शांत हुई। इनकी इच्छा को पूर्ण करने हेतु इनके भाई श्री जगदीश जी ने समिति से सम्पर्क किया और इनका शरीर आर्मी मेडिकल कॉलेज में दान दिया गया। पहले जनसंघ और फिर बीण्जेण्पीण् में ये सक्रिय रहे। प्रेरणास्पद दान के लिए हमारी श्रद्धाभिव्यक्ति।

श्री रोशन लाल गुप्ता
श्री रोशन लाल गुप्ता 24 दिसंबर को परलोक सिधार गए। अल्पायु में ही इनके पिता का देहांत हो गया था। अपने पारिवारिक दायित्वों का जिम्मेवारी से निर्वहन करते हुए इन्होने समाज व परिवार कल्याण के कार्यों में सक्रिय भूमिका निभाई। झिलमिल इंडस्ट्रियल एरिया में अपने कल्याणार्थ कार्यों के कारण श्री गुप्ता एक जाना.माना व्यक्तित्व है। गाज़ियाबाद निवासीए 84 वर्षीय श्री गुप्ता की इच्छानुसार उनका देहदान गुरु तेग बहादुर मेडिकल कॉलेज ;न्ब्डैद्ध को व नेत्र दान वेणु आई सेंटर में किया गया। मरणोपरांत भी समाज कल्याण की सोचने वाले व्यक्तित्व को समिति के श्रद्धा पुष्प।

श्री सुभाष चंद्र सचदेवा
श्री सुभाष चंद्र सचदेवा का 68 वर्ष की आयु मे 13 दिसंबर को देहांत हुआ । स्वतः प्रेरणा से नेत्र दान का संकल्प लेने वाले श्री सचदेवा जी आजीवन आर्य समाज ए मानसरोवर गार्डन से जुड़े रहे । रक्षा मंत्रालय से सेवा निवृत्त होने पर इनका पूरा समय यत्र तत्र होने वाली आर्य समाज की गतिविधियों पर ही केंद्रित रहा । पुत्र श्री अजय सचदेवा ने मरणोपरांत इनकी आँखें समिति के माध्यम से गुरु नानक आई सेंटर मे दान की ।

श्री प्रेम चंद ढींगरा
निगम बोध घाट पर समिति का बैनर देख कर श्री प्रेम चंद ढींगरा ने नेत्रदान व देहदान का निश्चय किया । अपनी दृढ़ इच्छा शक्ति के कारण श्री प्रेम चंद जी दूसरों के लिए हमेशा प्रेरणा बने । बच्चों के लिए इनमे विशेष प्यार दिखता था । 22 दिसंबर को ए मरणोपरांत एतीनों बच्चों ने इनकी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए एगुरु नानक आई सेंटर मे इनका नेत्रदान किया