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श्रद्धा सुमन

श्री सुखमल चंद जैन
श्री सुखमल चंद जैन ने 80 वर्ष की आयु में अपनी इहलीला समाप्त की। वह रोशनआरा रोड, दिल्ली के निवासी थे। कड़ी मेहनत से अपना जीवन चलाया। अंतिम 20 वर्ष उनका जीवन जैन धर्म के त्यागपूर्ण नियमों के अनुसार चला। फोन पर हुई बातचीत में उनके पुत्र श्री मनोज ने उनके दिन में एक समय भोजन करने व ब्राह्म मुहूर्त में किए जाने वाले नियमित जप का श्रद्धापूर्वक विशेष उल्लेख किया। वह निरंतर जैन तीर्थों में जाते रहते थे। उन्होंने अपने जीवन काल में ही अपनी देह दान और अंग दान की इच्छा अपने परिवार को बता रखी थी। सभी परिवारजनों ने उनकी इच्छा का सम्मान करते हुए, 3 मई, 2017 को, मरणोपरांत, उनके नेत्रों का दान राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में किया। उनकी देह चिकित्सा विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए एम्स में दी गई। शिक्षा के लिए किए गए इस अमूल्य व प्रेरक दान हेतु परिवारजनों का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार के श्रद्धासुमन। सम्पर्क सूत्र - श्री मनोज जैन, मो. 9811155377।

श्रीमती आशा प्रकाश
श्रीमती आशा प्रकाश ने 77 वर्ष की आयु में 3 मई, 2017 को परलोक गमन किया। वह साकेत में रहती थीं। स्वयं एक डाॅक्टर बनना चाहती थीं, लेकिन परिवार की आर्थिक स्थिति की वजह से यह सम्भव नहीं हो सका। उनकी यह इच्छा इतनी बलवती रही कि वह अपने बच्चों से निरंतर कहती थीें, ‘मेरी मृत देह मेडिकल के विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए दे देना।’ उनके अनुसार धर्म का मतलब ही है एक अच्छा इंसान होना। उनकी बेटी ने उत्साह से बताया कि सबको निश्चिंत करना उनकी विशेषता थी। अपने पोते-नातियों के लिए वह बहुत स्पेशल थीं। जीवन भर उन्होंने ज़ूलाॅजी (प्राणि विज्ञान) का शिक्षण किया और जाते-जाते मानवता की सेवा के लिए देह दान व नेत्र दान कर गईं। उनके परिवारजनों ने स-सम्मान उनके नेत्र सफदरजंग अस्पताल व देह भाई वर्धमान महावीर काॅलेज को दान में दिए। इस महादान को क्रियान्वित करने के लिए परिवारजनों का साधुवाद। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें-ऐसी दधीचि परिवार की प्रार्थना है। सम्पर्क सू़त्र - सोम्ना सचदेच (पुत्री), मो. 9841022922।

श्री सुशील कुमार
शकरपुर (कड़कड़डुमा गांव) निवासी श्री सुशील कुमार का देहांत 10 मई, 2017 को हुआ। वह 63 वर्ष के थे। मरणोपरांत उनके नेत्र गुरु नानक आई सेंटर में दान किए गए। मानवता के लिए किया गया यह महादान एक प्रेरणादायी कार्य है। परिवारजनों का साधुवाद, जो इस दान को करवा पाए। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि।

श्रीमती कौशल्या देवी बंसल
श्रीमती कौशल्या देवी बंसल का 80 वर्ष की आयु में 15 मई, 2017 को निधन हो गया। उनके पुत्र ने फोन पर हुई बातचीत में गर्व से बताया कि उनकी मां को पूरे कुनबे में आदर्श के रूप में देखा जाता था। अपने परिवार के प्रति समर्पित वह एक घरेलू महिला थीं। उनका परिवार समाज को नेत्र दान के लिए प्रेरित करने का संकल्प-पूर्वक कार्य करता है। भारत विकास परिषद और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ में सक्रिय होने के साथ उन्होंने शव को सुरक्षित रखने के लिए रेफ्रिजरेटर्स की व्यवस्था भी की हुई है। इस परिवार के लिए नेत्र दान एक सहज कार्य है, पर समाज के लिए प्रेरणादायी। फरीदाबाद निवासी श्रीमती कौशल्या देवी के नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में दान किए गए। समाज सेवा के लिए समर्पित परिवार को हमारा नमन। दिवंगत आत्मा के लिए स-सम्मान श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र-श्री अमर बंसल (पुत्र), मो. 987367181।

श्री जंग बहादुर जैन
श्री जंग बहादुर जैन का 19 मई, 2017 को 72 वर्ष की आयु में देहांत हो गया। वह बुराड़ी में रहते थे। धार्मिक प्रवृति के श्री जैन समाज सेवा के कार्यों से भी जुड़े हुए थे। उनके निवास पर निरंतर आई चैक अप कैम्प लगते रहते थे व आंखों के आॅप्रेशन भी कराए जाते थे। उनके निवास पर आज भी एक सिलाई केन्द्र चल रहा है। लोगों को नेत्र दान की प्रेरणा देने वाले श्री जैन की आंखें गुरु नानक आई सेंटर में दान की गईं। विशेषतः उल्लेखनीय बात है कि इनके कुनबे के प्रत्येक व्यक्ति ने नेत्र दान का संकल्प लिया हुआ है। स्वयं इन्होंने लगभग 20 वर्ष पूर्व अपनी देह दान की वसीयत भी की थी। दधीचि देह दान समिति के सहयोग से स्वर्गीय श्री जंग बहादुर की देह, चिकित्सा विद्यार्थियों की पढ़ाई के लिए एम्स में दान की गई। इस संसार में रहते हुए समय व तन-मन-धन से समाज सेवा में लगे रहे और परलोक जाने पर मिट्टी कहलाने वाली देह को चिकित्सा शास्त्र के लिए अर्पित कर मानवता की एक बड़ी सेवा कर गए। ईश्वर उन्हें अपने चरणों में स्थान दें। दधीचि परिवार का इस महादानी को बारम्बार प्रणाम। सम्पर्क सूत्र - श्री सुभाष जैन (भाई), मो. 9811378487।

श्री मुरारी लाल खंडेलवाल
बल्लभगढ़ निवासी श्री मुरारी लाल खंडेलवाल की 24 मई, 2017 को इहलीला समाप्त हुई। वह 70 वर्ष के थे। उन्होंने 6 वर्ष आर्मी में काम किया। वह 28 वर्ष की लम्बी बीमारी के भुक्तभोगी रहे। उनकी मृत्यु के बाद परिवारजनों ने उनके नेत्र दान करने का एक प्रेरक निर्णय लिया। उनके नेत्र राजेन्द्र प्रसाद आई सेंटर में दान किए गए। इस महादान के लिए परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए दधीचि परिवार की विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - श्री अमित खंडेलवाल (पुत्र), मो. 7838034646।

श्रीमती विमला देवी
श्रीमती विमला देवी ने 30 मई, 2017 को इहलोक से परलोक प्रस्थान किया। वह 78 वर्ष की थीं। समाज के सेवा कार्यों में उनके परिवार के सभी सदस्य मनोयोग से लगे रहते हैं। करोल बाग निवासी श्रीमती विमला देवी के नेत्र दान का निर्णय करके परिवार ने एक प्रेरणा दायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। इनकी आंखें गुरु नानक आई सेंटर में दान की गईं। मानव सेवार्थ किए गए इस महादान के लिए हम परिवारजनों का सम्मान करते हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें। सम्पर्क सूत्र - श्री सतीश गर्ग (पुत्र), मो. 9212227620।

श्री जगदीश लाल भाटिया
प्रसिद्ध समाजसेवी व भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री जगदीश लाल भाटिया का 6 जून, 2017 को, 83 वर्ष की आयु में निधन हो गया। वह मोती नगर में रहते थे। क्षेत्र की कई धार्मिक संस्थाओं के वह पदाधिकारी रह चुके थे। भाजपा एवं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के एक समर्पित कार्यकर्ता रहे। सरकारी नौकरी में रहते हुए भी उन्होंने समाज के हर कार्य में बढ़-चढ़ कर भाग लिया। कार्य को ईमानदारी से पूरा करना उनकी विशेषता थी। उनके परिवार में 3 पुत्र व 1 पुत्री हैं, जो उनके दिखाए मार्ग पर सहज ही आगे बढ़ रहे हैं। उनके एक पुत्र श्री अजय भाटिया हमारी दधीचि देह दान समिति के दिल्ली प्रदेश के मंत्री हैं। श्री अजय भाटिया नेे संकल्प के तौर पर अंग दान-देह दान कार्य को अपनाया है। अपने ही परिवार से 20 व्यक्तियों के नेत्र दान करवा कर उन्होंने एक प्रेरणादायक उदाहरण प्रस्तुत किया है। अंतिम समय की शारीरिक अस्वस्थता ने श्री जगदीश लाल का शरीर दान के योग्य नहीं छोड़ा। परिणाम स्वरूप, मरणोपरांत, केवल उनके नेत्रों का दान सम्भव हो सका। गुरु नानक आई सेंटर की टीम स-सम्मान उनके नेत्र ले गई। समाज सेवा को समर्पित परिवार का हम सम्मान करते हैं। दिवंगत आत्मा को दधीचि परिवार अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करता है। सम्पर्क सूत्र - श्री अजय भाटिया (पुत्र), मो. 9811385403।

रेणु
बीस वर्षीया रेणु की 13 जून, 2017 को मृत्यु हो गई। खेल-कूद में निरंतर भाग लेने वाली बिटिया की अकाल मृत्यु से परिवार दुःखी था। ऐसे समय में देह दान का निर्णय लेना एक कठिन कार्य था, लेकिन इस परिवार ने लिया। मौजपुर निवासी रेणु की मृत देह लेडी हार्डिंग मेडिकल काॅलेज को दान की गई। चिकित्सा की पढ़ाई के लिए इस महादान को करने वाले परिवार के प्रति हम नतमस्तक हैं। ईश्वर दिवंगत आत्मा को अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी हमारी विनम्र प्रार्थना है। सम्पर्क सूत्र श्री योगेश शर्मा (भाई), मो. 8851351276।

श्रीमती इन्दु बाला अहूजा
कीर्ति नगर निवासी श्रीमती इन्दु बाला अहूजा, 26 जून, 2017 को 69 वर्ष की आयु में परलोक सिधार गईं। वह एक स्कूल में पढ़ाती थीं। सकारात्मक सोच वाली महिला थीं। उनके निकटजनों ने, मरणोपरांत, उनकी आंखें दान करने का निर्णय लिया और गुरु नानक आई सेंटर की टीम उनकी आंखें ले गई। ’’नेत्र दान - महादान’’ को क्रियान्वित करने वाले परिवार के लिए दधीचि परिवार का साधुवाद। दिवंगत आत्मा के लिए हमारे सविनय श्रद्धासुमन। सम्पर्क सूत्र - श्री गिरीश (पुत्र), मो. 9811277476।

डाॅ. नीता रत्नेश विश्नोई
कृष्णा नगर निवासी डाॅ. नीता रत्नेश विश्नोई ने 1 जुलाई, 2017 को परलोक गमन किया। वह 55 वर्ष की थीं। भारतीय जीवन बीमा निगम (एल.आई.सी.) में कार्यरत थीं, पर उनकी रुचि और योग्यताएं साहित्यिक क्षेत्र में भी थीं। मेरठ विश्वविद्यालय से उन्हें पी.एच.डी. की डिग्री प्राप्त थी। शोध का विषय था ‘‘भगवती चरण वर्मा के उपन्यासों में नारी’’। उनके पति ने भावुक होकर बताया कि नेत्र दान का निर्णय उन्होंने ही लिया और दान भी कराया। दधीचि परिवार का साधुवाद। डाॅ. नीता के नेत्र गुरु नानक आई सेंटर को दान किए गए। दिवंगत आत्मा को ईश्वर अपने चरणों में स्थान दें - ऐसी हमारी विनम्र श्रद्धांजलि। सम्पर्क सूत्र - श्री रत्नेश विश्नोई (पति), मो. 9811041463।