ये थे नींव के नव दधीचि
लगभग 28 साल हो गए। वह 8 मार्च 1995 का दिन था।श्री आलोक कुमार और उनके छह साथियों ने दिल्ली में रजिस्ट्ररार के ऑफिस में अपनी देहदान की इच्छा को रजिस्ट्रर कराया। ये एक शुरुआत थी, जिससे दधीचि देहदान समिति ने आकार लिया और यह बेहद सुखद है कि हमारा परिवार लगातार बढ़ रहा है।






