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देहदानियों का 58 वां उत्सव

देहदान को संकल्प बनाने का उत्सव

दिनांक 13 अप्रैल 2025 को दधीचि देहदान समिति द्वारा देहदानियों का 58 वां उत्सव संपन्न किया गया । यह कार्यक्रम दक्षिणी दिल्ली के नेहरू नगर स्थित जी एल टी सरस्वती बाल मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल में आयोजित हुआ ।

वेद मंत्र से दीप प्रज्वलन के बाद सभी वरिष्ठ अतिथियों के स्वागत से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ । दक्षिण विभाग की महिला शक्ति ने एक सुर में संकल्प गीत का गायन किया और सभागार में उपस्थित सभी जन के मन में जोश उत्पन्न हुआ ।

लेडी हार्डिंग कॉलेज की प्रोफेसर डॉक्टर शीतल जोशी ने पीपीटी के माध्यम से अंगदान देहदान विषय में विस्तार से समझाया । उनकी प्रस्तुति बहुत अधिक प्रभावशाली रही, जिससे उपस्थित लोगों को विभिन्न प्रकार के अंगदान तथा देहदान के बारे में पर्याप्त जानकारी मिली । इस अवसर पर उनके द्वारा लिखी गई पुस्तक Clinical Anatomy का विमोचन भी हुआ ।

इस उत्सव में 37 दानी परिवारों को स्मृति चिन्ह और पटका पहनाकर सम्मानित किया गया । 200 से अधिक संकल्प कर्ताओं को प्रमाण पत्र वितरण किया गया । श्री रवि शंकर रामायणी जी ने धर्मगुरु के रूप में देहदान से जुड़े आध्यात्मिक भाव को बताया तथा देहदान और अंगदान को सर्वोत्तम दान बताया, जिससे मोक्ष की प्राप्ति होती है ।

अंगदान प्राप्त करता प्रीति उन्हाले जी, जिनका हृदय प्रत्यारोपण हुआ था, ने अंतर कथा की प्रस्तुति सुंदर व प्रेरणादायक स्वरूप में दी । उन्होंने एक स्वरचित कविता द्वारा सभी को भावुक कर दिया ।

इस अवसर पर समिति की उपाध्यक्षा श्रीमती मंजू प्रभा जी ने अपने विचार रखे और अंगदान को समाज के लिए वरदान बताया।

श्री कमल खुराना (पूर्व महामंत्री), समिति के नवनिर्वाचित अध्यक्ष श्री महेश पंत जी तथा महामंत्री डॉ विशाल चड्ढा, ने भी अपने विचार रखें तथा देहदान अंगदान से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुए लोगों से इस दान का संकल्प लेने का आग्रह किया । समिति के संरक्षक श्री हर्ष मल्होत्रा जी ने अपने संबोधन से समिति की कार्यशैली व अंगदान देहदान विषय की विस्तृत जानकारी देते हुए सभी को इस कार्य में अग्रसर रहने का आग्रह किया । उन्होंने श्रीलंका में हो रहे नेत्रदान के बारे में बताया कि वहां कोई भी व्यक्ति कॉर्निया की कमी से प्रभावित नहीं है । महाऋषि दधीचि के उदाहरण से सभी को देहदान अंगदान से मोक्ष प्राप्ति की राह दिखाई । स्किन दान का महत्व बताते हुए उन्होंने लोगों को इसकी आवश्यकता बताइए । दधीचि देहदान समिति को लोगों और जरूरतमंद रोगियों के बीच पुल बताते हुए नोटों की उपस्थिति की भी व्याख्या की । समिति को डोनेशन का एक उत्तम साधन बताया । भारतीय संस्कार तथा कल्चर की अनभिज्ञ कड़ी बताया ।

अंत में डॉक्टर प्रीति राय जी ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत करके सभी का आभार प्रकट किया । श्रीमती रजनी छाबड़ा जी के मंत्र उच्चारण द्वारा कार्यक्रम का समापन हुआ । यह उत्सव दक्षिणी क्षेत्र संयोजक श्री दीपक गोयल जी, श्रीमती रजनी छाबड़ा जी, श्री सुनील गंधर्व जी, श्री कमल बवेजा जी, श्रीमती प्रीति गोयल जी तथा सभी कर्मठ कार्यकर्ताओं के सानिध्य व सक्रियता का साक्षी रहा।