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हरिद्वार में 20-21 फरवरी, 2022 को मां गंगा की अविरल धारा के साथ
खुद के कामों पर चिंतन

दधीचि देह दान समिति की चिन्तन बैठक गंगा मां की पवित्र नगरी हरिद्वार में 20-21 फरवरी, 2022 को हुई। बैठक हर्ष मल्होत्रा जी की अध्यक्षता में और विश्व हिंदू परिषद के अंतर्राष्ट्रीय कार्याध्यक्ष व समिति के संरक्षक आलोक कुमार जी के मार्गदर्शन में आयोजित हुई। देह्दानी स्व. मांगेराम गर्ग जी के सुपुत्र श्री सतीश गर्ग जी विशिष्ट अतिथि थे। बैठक में समिति के सचिव स्तर से ऊपर के पदाधिकारी और सभी क्षेत्रों के संयोजकों सहित 30 स्वंयसेवक सम्मिलित हुए। दीप प्रज्वलन के बाद गीता आहुजा जी द्वारा "जीवेम शरद: शतम " के मंत्रोच्चार के साथ बैठक का शुभारम्भ हुआ। सुश्री दिव्या जी और गुंजन जी ने नासिक के श्री सुनील देशपांडे रचित गीत "अंगदान का राही हूँ... " के गायन से सबको मंत्रमुग्ध कर दिया।

समिति के रजत जयंती वर्ष में आयोजित इस बैठक में सब का स्वागत करते हुए आलोक जी ने बताया कि 25 वर्षों के कार्यकाल में समिति की दिल्ली से बाहर यह पहली बैठक है। उन्होंने कहा, "25 वर्षों के इस अंतराल में समिति देश में देह और अंग दान के क्षेत्र में प्रधान संस्था बनी है, जो देह-अंग दान के प्रचार प्रसार से लेकर देह-अंग दान कराने तक की जिम्मेदारी का पूरे समर्पण के साथ निर्वहन करती है। समिति देश के दूसरे हिस्सों में देह-अंग दान के लिए संस्थाओं की स्थापना के लिए भी हर प्रकार की सहायता करती है। पटना, जालंधर और कोटपूतली में संस्थाओं की स्थापना के बाद अब 27 फरवरी को देहरादून में एक संस्था का शुभारम्भ होने वाला है। "

बैठक में विस्तार से चर्चा के बाद निम्न बिंदुओं पर सहमति बनी:

  • समिति का रजत जयंती समारोह, महर्षि दधीचि की जयंती के अवसर पर 3-4 सितंबर, 2022 को मनाया जाए, जिसमें देह-अंग दान के लिए देश भर में कार्य कर रहे सभी स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रमुखों, स्वास्थ्य मंत्रालय, आयुष मंत्रालय, आईएमए, नोटो, ओर्बो, मैडिकल संस्थानों आदि के अधिकारियों को निमंत्रित किया जायेगा।
  • पह्ले दिन कार्यशाला के लिए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री श्री मन्सुख मंडाविया की सहमति मिल गई है। दूसरे दिन के सम्मेलन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को आमंत्रित करने का प्रयत्न किया जाएगा।
  • अखिल भारतीय देह-अंग दान के लिए कार्य कर रही संस्थाओं को एक प्लेट्फॉर्म पर लाने का प्रयास किया जाएगा।
  • अब तक समिति के साथ लगभग चौदह हजार लोगों ने संकल्प लिया है, सितम्बर तक इस संख्या को इक्कीस हजार तक करने का लक्ष्य पारित किया गया।

समिति के अध्यक्ष हर्ष मल्होत्रा जी ने, अगले सत्र में हमारी ई-जर्नल के विषय पर कहा कि सभी को इसे पढ़ना और प्रेषित करना चाहिए, जिससे इसका प्रचार प्रसार बढ़े। रजत जयंती वर्ष में ई-जर्नल की हार्ड कॉपी छापने पर भी विचार हुआ। उपाध्यक्षा मंजू प्रभा जी ने ई-जर्नल के स्वरूप के बारे में बताया।

वार्ता के बाद निम्न पर सहमति बनी:

  1. स्टॉल/ काउंटरों की रिपोर्ट के लिये हर क्षेत्र में एक कोओर्डिनेटर नामित किया जाए, जिससे ई-जर्नल से सम्बंधित सभी कार्यों/ जानकारियों के आदान प्रदान में सुविधा हो।
  2. सभी ई-जर्नल को पढ़े और बेहतरी के लिये सुझाव और कोई त्रुटियां नजर में आएं तो, उन्हें मंजु प्रभा जी के संज्ञान में लाएं।
  3. सभी लोग ई-जर्नल को अपने ग्रुप्स में आगे प्रेषित कर इसके सर्कुलेशन को बढ़ाने में सह्योग करें।
  4. समिति का ई-जर्नल छापकर भी देश भर में भेजा जाए।
  5. क्षेत्रीय बैठकों में भी कंटेंट और डिज़ाइन पर चर्चा कर सुधार के लिए सुझाव भेजे जाएं।

दधीचि यात्रा के संयोजक डॉ कीर्तिवर्धन जी ने बताया कि हम दो वर्ष में एक बार इस यात्रा का आयोजन करते हैं, पर पिछले 3 वर्षों से इस यात्रा पर कोरोना काल के कारण नहीं जा सके हैं। चर्चा के बाद इस वर्ष यात्रा पर जाने की सह्मति बनी। एक सुझाव यह भी आया कि नेमिशारण्य के साथ अयोध्या की यात्रा कर राम मंदिर के दर्शन का भी लाभ लें। यात्रा समिति इस पर विचार कर निर्णय लेगी। यात्रा के दौरान महर्षि दधीचि के आश्रम में होने वाली सभा में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी को आमंत्रित करने का सुझाव भी सर्वसम्मति से पारित हुआ।

अगले सत्र में महासचिव कमल खुराना जी और अध्यक्ष हर्ष जी ने क्षेत्रों में हो रहे कार्यों की समीक्षा की। सभी क्षेत्र संयोजकों ने अपने क्षेत्र में हुए कार्यों और केंद्र से अपेक्षित सहायताओं के बारे में बताया। हर्ष जी ने कहा कि क्षेत्रवार मासिक बैठकों का आयोजन नियमित रूप से होना चाहिए। इन बैठकों की सूचना केंद्र में भी दें, जिससे केंद्र का भी कोई अधिकारी इनमें उपस्थित हो सके।

श्रीमति सत्या गुप्ता, डॉ विशाल चड्ढा और श्री प्रवीण वर्मा ने आई टी क्षेत्र में नई व्यवस्थाओं के बारे में विस्तार से चर्चा की और निम्न आयामों पर सहमति बनी:

  1. अभी समिति का ईमेल का पता जीमेल का है, अब इसे समिति के नाम से लिया जाए।
  2. देह और अंग दान का संकल्प लेने के लिए ऑनलाइन फॉर्म उपलब्ध कराया जाए। उसे भरकर प्रिंट लेने के बाद उस पर हस्ताक्षर करके स्कैन कॉपी फोटो के साथ भेजी जा सके, ऐसी व्यवस्था बनाई जाए।
  3. समिति की वेबसाइट और फेसबुक पर आर्थिक दान ऑनलाइन देने की सुविधा भी बनाई जाए।
  4. "जीवेम शरद: शतम " मंत्र की अच्छी रिकॉर्डिंग करके वेबसाइट पर गैलरी देखते हुए बैकग्राउंड में चलाया जाए।

"सर्वे भवन्तु सुखिन..." कल्याण मंत्र के साथ बैठक का समापन हुआ। इस चिंतन बैठक के आयोजन में हरिद्वार में सभी कार्यकर्ताओं के नि:शुल्क ठहरने और खाने की उत्कृष्ट व्यवस्था श्री सतीश गर्ग जी, अध्यक्ष निष्काम सेवा ट्रस्ट के द्वारा की गई, जिसके लिए समिति की ओर से हार्दिक आभार और साधुवाद।