Article : नवजात का देहदान: एक मिसाल

अमर उजाला में 13 जनवरी 2025 को प्रकाशित खबर के अनुसार, उत्तरकाशी के एक दंपति, मनोज लाल और विनीता देवी, ने अपने छह दिन के नवजात के देहदान की मिसाल पेश की। नवजात को जन्म से ही सांस लेने में तकलीफ थी, और 7 जनवरी को उसे ऋषिकेश एम्स में भर्ती कराया गया। जांच में पता चला कि उसकी खाने और सांस की नली आपस में जुड़ी थीं। ऑपरेशन के बावजूद, शनिवार को नवजात की मृत्यु हो गई।
दंपति ने पर्यावरण प्रेम और मां गंगा के प्रति आस्था के चलते अंतिम संस्कार के विकल्प तलाशे। लायंस क्लब के अनिल कक्कड़ ने उन्हें देहदान के लिए प्रेरित किया। मोहन फाउंडेशन के सहयोग से कागजी कार्रवाई पूरी हुई, और नवजात की देह ग्राफिक एरा मेडिकल कॉलेज के एनाटॉमी विभाग को सौंपी गई। मनोज लाल ने कहा कि भले ही उनके सपने पूरे न हुए, लेकिन इस दान से मेडिकल छात्रों के अध्ययन और शोध को बल मिलेगा, जिससे अन्य माता-पिता के सपने पूरे हो सकेंगे। यह दान मेडिकल शिक्षा के लिए किया गया ताकि बीमारियों का बेहतर इलाज खोजा जा सके।