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देहदानियों का 45 वां उत्सव
एवं दधीचि शिव प्रताप जी की पुण्य स्मृति में श्रद्धेय श्री अजय भाई द्वारा दधीचि कथा

दधीचि देहदान समिति, गाज़ियाबाद और नोएडा द्वारा गाजियाबाद के कृष्णा इंजीनियरिंग कॉलेज में 8 मई, 2022 को देहदानियों का 45वां उत्सव मनाया गया, जिसमें 225 नए संकल्प लेने वालों का पटका पहना कर सम्मानित किया गया तथा उन्हें प्रमाणपत्र भी सौंपे गए। कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्ज्वलन से हुआ। राष्ट्रगीत के बाद क्षेत्रीय संयोजक तथा उत्सव के अध्यक्ष श्री अविनाश चंद्र वर्मा ने अपनी प्रस्तावना में क्षेत्र में समिति के बढ़ते कार्य की जानकारी दी तथा बताया कि क्षेत्र विस्तार की योजना में मंडल और उपमंडल स्तर की रचना की गई। इसी विस्तार के सिलसिले में अक्टूबर, 2021 में बुलंदशहर को एक नए क्षेत्र का दर्जा मिला।

जीआईएमएस के एनाटॉमी विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर, डॉक्टर पी. एस. मित्तल ने देहदान की प्रक्रिया तथा अपने कॉलेज के एनाटॉमी विभाग की कार्य पद्धति पर प्रकाश डाला। इसी मौके पर देहदानियों के 13 परिवारों को स्मृति चिह्न देकर उनका सम्मान किया गया।

उत्सव के मुख्य अतिथि तथा नोएडा के अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी, डॉक्टर शिरीष जैन ने अंगदान व देहदान विषय पर लोगों की बढ़ती जागरूकता पर हर्ष प्रकट किया और लोगों से आह्वान किया कि बढ़- चढ़ कर इस विषय को समाज में ले कर जाएं, क्योंकि ये एक आदर्श नागरिक की जिम्मेदारी भी है। इसके बाद मुख्य वक्ता और समिति के महामंत्री, श्री कमल खुराना ने समिति द्वारा रजत जयंती वर्ष के उपलक्ष में सितंबर मास में अखिल भारतीय स्तर पर होने वाले विशाल कार्यक्रम की रूप-रेखा बताई तथा अंगदान व देहदान विषय पर अखिल भारत स्तर पर एक रूपता लाने के प्रयास पर जानकारी साझा की।

इस उत्सव आयोजन के अंत में क्षेत्रीय सह संयोजक श्री अशोक अग्रवाल ने धन्यवाद प्रस्ताव प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन क्षेत्रीय सचिव, डॉक्टर मधु पोद्दार तथा क्षेत्रीय सह संयोजक, श्रीमती संध्या सक्सेना ने किया। कार्यक्रम में आए अतिथियों को समिति के संयुक्त महामंत्री, डॉक्टर विशाल चड्ढा तथा उपाध्यक्ष श्रीमती मंजू प्रभा का सान्निध्य प्राप्त हुआ।

इसी उत्सव में, जो दधीचि श्री शिव प्रताप जी की प्रथम पुण्य तिथि पर आयोजित हुई, समिति की ओर से पहली बार क्षेत्रीय स्तर पर श्रद्धेय श्री अजय भाई द्वारा दधीचि कथा का आयोजन किया गया। इस कथा आयोजन में लोगों को अपार शांति का अनुभव हुआ। वहां आए अतिथियों ने इसकी सराहना भी की।