Print
Next
Archive
Vol. 8

Dadhichi Deh Dan Samiti,
W-99, Greater Kailash – I,
New Delhi 110048.

Mobile:
+91 9810127735,
+91 9811106331,
+91 9811598598,
+91 9818345704

Email :
dehdan99@gmail.com

मन की बात

अंगदान को उत्सव बनाएं: नरेन्द्र मोदी

केरल के चित्तूर के सेंट मेरी स्कूल की छात्राओं ने मुझे एक पत्र भेजा है। पत्र की विशेषता है कि एक तो इन बालिकाओं ने अपने अंगूठे के निशान से भारत माता का एक चित्र बनाया है, बहुत बड़े कपड़े पर भारत का नक्शा भेजा है। पहले मैं हैरान था कि उन्होंने अपने अंगूठे के निशान से भारत का नक्शा क्यों बनाया? लेकिन, जब मैंने उनका पत्र पढ़ा तो मुझे समझ आया कि कितना सिम्बोलिक (प्रतीकात्मक) संदेश दिया है। ये वो बालिकाएं हैं जिन्होंने सिर्फ प्रधानमंत्री को जागृत करने का प्रयास किया है, ऐसा नहीं है, बल्कि उन्होंने अपने क्षेत्र के लोगों को भी जागरूक करने का प्रयास किया है। वे जन-जागरूकता अभियान चला रही हैं। उन्होंने अनेक स्थानों पर जाकर नाट्य मंचन भी किए हैं, ताकि लोगों मेें अंग दान की समझ फैले, अंग दान एक वृत्ति और प्रवृत्ति बने। इन बालिकाओं ने मुझे चिट्ठी में लिखा है कि आप अपनी ‘मन की बात’ में आॅर्गेन्स डोनेशन के विषय में लोगों से अपील कीजिए।

महाराष्ट्र के करीब 80 वर्षीय वसंतराव सुड़के गुरुजी, वो तो हमेशा एक मूवमेंट चलाते रहते हैं। वह कहते हैं कि अंग दान को एक उत्सव बनाना चाहिए। इन दिनों मुझे फोन काॅल पर भी काफी संदेश आते रहते हैं। दिल्ली के देवेश ने भी ऐसा ही एक संदेश मुझे दिया है।

यह विषय काफी महत्वपूर्ण है। मुझे ऐसा लगता है, देश में प्रति वर्ष ढाई लाख से भी अधिक किडनी, हार्ट और लिवर डोनेशन की ज़रूरत है, लेकिन, सवा सौ करोड़ के देश में हम सिर्फ 50 हज़ार सफल ट्रांसप्‍लांट (प्रत्यारोपण) कर पाते हैं। हर साल एक लाख आंखों को रोशनी की ज़रूरत होती है और हम सिर्फ 25 हज़ार तक ही पहुंच पाते है, 4 आंखों की ज़रूरत हो तो हम एक दे पाते हैं। सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर शरीर के आॅर्गेन्स भी डोनेट किए जा सकते हैं। कुछ कानूनी उलझनें भी बहुत हैं। राज्यों का भी इस दिशा में मार्ग-दर्शन करने का प्रयास किया गया है। कुछ राज्यों ने कागज़ी कार्रवाई को कम करके इसमें प्रगति लाने का काफी अच्छा प्रयास किया है। आज के संदर्भ में यह कहा जा सकता है कि ऑर्गन डोनेशन (अंग दान) के क्षेत्र में तमिलनाडु अग्रिम पंक्ति में है। कई सामाजिक संस्थाएं, कई एनजीओज़ (गैर सरकारी संस्थाएं) इस दिशा में बहुत अच्छा कार्य कर रहे हैं। ऑर्गनस ट्रांसप्‍लांट (अंगों के प्रत्यारोपण) को बढ़ावा देने के लिए ‘नेशनल ऑर्गनस एंड टिश्यू ट्रांसप्‍लांट आॅर्गेनाइज़ेशन’ (नोटो) की स्थापना की गई है। हर दिन चैबीस घंटे हेल्प लाइन की सेवा भी उपलब्ध है। नम्बर है 1800114770। त्याग करने का एक आनंद होता है और अपने यहां तो यह कहा ही गया है ‘तेन त्यक्तेन भंुजीथाः।

हम सबने टी.वी. में देखा था कि दिल्ली के जीबी पंथ हॉस्पिटल में एक गरीब ठेले वाले ने अपनी पत्नी का लिवर ट्रांसप्‍लांट करवाया, और यह लिवर विशेष इंतज़ाम करके लखनऊ से दिल्ली लाया गया था, और वह ऑपरेशन सफल रहा। एक ज़िन्दगी बच गई। अंग दान महादान ‘तेन त्यक्तेन भुंजीथाः’। इस भाव को हम चरितार्थ करें और इस बात पर हम अवश्य बल दंें

We invite you to join in this Noble Mission.
गतिविधियाँ...
Executive Committee Meeting ...
दधीचि कथा ...
दधीचि कथा आयोजन : चित्र...
दधीचि कथा आयोजन: रिपोर्ट...
साक्षात्कार...
Eye Donation: Challenges & Remedies...
Teen dies waiting for liver,
gives life to two after death..
कीडनी प्रत्यारोपण के बाद मिलेंगी मुफ़्त दवाइया...
श्रद्धा सुमन...